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Betson V
- June 3, 2025
हम सभी मानसून का इंतज़ार करते हैं ताकि ठंडी हवा, ताज़गी और हरियाली का आनंद ले सकें। लेकिन इस मौसम के साथ संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है, खासकर कान के संक्रमण का। इस मौसम में हवा में नमी ज़्यादा होती है, जो बैक्टीरिया और फंगस के पनपने के लिए अनुकूल माहौल बनाती है। इसी वजह से कई लोगों को बारिश के दिनों में कान में दर्द, खुजली या बंद होने जैसी समस्याएं होती हैं।
एक आम समस्या है स्विमर इयर (ओटाइटिस एक्सटर्ना)। यह तब होता है जब बारिश में भीगने, नहाने या तैरने के कारण पानी कान में फँस जाता है। कान की नली नम और गर्म हो जाती है, जिससे संक्रमण होने लगता है। इसमें दर्द, बेचैनी या हल्की सुनने में दिक्कत हो सकती है। अगर इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ किया गया, तो संक्रमण बढ़ सकता है, जिससे मवाद, सूजन या बुखार भी हो सकता है।
बच्चे, बुज़ुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को यह संक्रमण जल्दी हो सकता है। छोटे बच्चे अपनी तकलीफ सही तरीके से बता नहीं पाते, लेकिन अगर वो बार-बार कान रगड़ें या खींचें, तो माता-पिता को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
कान के संक्रमण से बचाव के आसान उपाय:
भीगने के बाद कान को तुरंत मुलायम तौलिये से सुखाएं।
कान साफ करने के लिए ईयरबड, पिन या किसी भी नुकीली चीज़ का इस्तेमाल न करें।
तैरते समय ईयरप्लग्स का इस्तेमाल करें।
सूप जैसे गरम भोजन और विटामिन C युक्त फलों से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को मजबूत बनाएं।
हल्के कान दर्द के लिए घरेलू उपाय:
- कान पर गरम कपड़ा या सेक लगाने से राहत मिलती है।
- दिन में दो बार स्टीम लेने से बंद कान की नली खुलने में मदद मिल सकती है।
- बिना डॉक्टर की सलाह के कान में तेल या कोई भी ड्रॉप न डालें।
अगर कान का दर्द असहनीय हो या लंबे समय तक बना रहे, तो तुरंत किसी योग्य डॉक्टर से सलाह लें और समय पर सही इलाज करवाएं, ताकि परेशानी बढ़ने से पहले ही ठीक हो जाए।
सही सलाह के लिए अभी डॉक्टर से free mein कंसल्ट करें।